हवाई जहाजों में उपयोग होने वाले जेट इंजन एक प्रकार के गैस टरबाइन इंजन होता हैं, जिसका काम विमान को उड़ान भरना और प्राप्त गति को बनाए रखने में मदद करना हो है. निम्नलिखित रूप से जेट इंजन काम कैसे करता है: चलिए इसको अच्छे से समझते हैं
वायु अवक्षेपण (इंटेक्स): जेट इंजन शुरूवात में वायु को अवक्षिपित करता है, जो सुरक्षित अंदर पहुंचने के लिए internalization (इंटेक्स) के माध्यम से जाता है.
वायु संक्षेपण (कम्प्रेशन): वायु को इंजन के अंदर कम्प्रेस किया जाता है, जिससे दबाव बढ़ता है. यह दबाव गर्म हवा उत्पन्न करने के लिए होता है.
जलन (कंबशन ): उत्पन्न होती हवा गर्म होती है, और इसके बाद ईंधन (आमतौर पर जेट ईंधन या केरोसीन) को इस गर्म हवा के साथ मिश्रित किया जाता है और इसे जलाया जाता है. इससे गर्म हवा की गति और दबाव बढ़ जाती हैं.
निष्पीड़न (एक्सपैंशन): गर्म हवा की गति विस्तार चैम्बर में बढ़ जाती है जिससे दबाव कम हो जाती है, और इंजन से बाहर जाने वाले गैस के गोलाकार बाहरी ध्वनि ओर बल उत्पन्न होते हैं.
प्रक्षिप्त हवा (एक्जॉज्ट): गर्म हवा और धूम इंजन से बाहर निकलते हैं, और इसे प्राप्त गति के बनाए रखने के लिए उड़ान भरने के लिए उपयोग किया जाता है.